राष्ट्रीय दुग्ध दिवस भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉ वर्गीज कुरियन के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.
भारत में दूध का उत्पादन पिछले तीन साल में 19 प्रतिशत बढ़कर 16.36 करोड़ टन हो गया है और इससे पशुपालकों की आय में अच्छी-खासी वृद्धि हुई है. कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने रविवार (26 नवंबर) को राष्ट्रीय दूध दिवस पर एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार ने दुग्ध उत्पादन क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने के लिए पिछले तीन साल में कई कदम उठाये हैं जिससे दूध का उत्पादन 18.81 प्रतिशत और दूधारु मवेशी पालने वाले किसानों की आय 23.77 प्रतिशत बढ़ी है.उन्होंने कहा कि देश में दूध उत्पादन बढ़ाने और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए राष्ट्रीय कार्ययोजना-2022 का स्वप्न जल्द पेश की जाएगी. इसमें दूध के कारोबार की बुनियादी क्षमता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉ वर्गीज कुरियन के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इस मौके पर सिंह ने कहा, ‘‘हमारा दूध उत्पादन 2013-14 में 13.77 करोड़ टन था जो 2016-17 में 16.36 करेाड़ टन हो गया.’’ उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक है. उन्होंने कहा कि इन तीन सालों में दूध उत्पादन में सालाना छह प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई जबकि उसके पहले के तीन सालों में औसत वृद्धि दर चार प्रतिशत थी. मंत्री ने कहा कि 2011-14 की तुलना में 2014-17 में पशुपालक किसानों की आय 23.77 प्रतिशत बढ़ी है.
सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र की आय बढ़ाने के लिए दुग्ध प्रसंस्करण क्षेत्र का विस्तार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अभी केवल 20 प्रतिशत दूध की मूल्यवर्धित उत्पादों को तैयार करने में इस्तेमाल किया जाता है. यह अनुपात बढ़ाकर 30 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य है. इससे आय 20 प्रतिशत अधिक करने में मदद मिलेगी.
सरकार ने सहकारी डेयरी क्षेत्र के लिए 10,881 करोड़ रुपये की डेयरी प्रसंस्करण एवं अवसंरचना विकास कोष (डीआईडीएफ) योजना पहले ही घोषित कर चुकी हैं. कृषि मंत्री ने प्रति पशुधन दूध की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि भारत में सात करोड़ ग्रामीण परिवार पशुपालन करते हैं, पर उनकी उत्पादकता का स्तर कम है.