पेट्रोल-डीजल की कीमतों में जारी तेजी से आम आदमी को झटका लगा है. लगातार जेब पर बोझ बढ़ रहा है. पिछले एक महीने में पेट्रोल की कीमतों में 2.5 रुपए तक का इजाफा हो चुका है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में जारी तेजी से आम आदमी को झटका लगा है. लगातार जेब पर बोझ बढ़ रहा है. पिछले एक महीने में पेट्रोल की कीमतों में 2.5 रुपए तक का इजाफा हो चुका है. पेट्रोल की कीमतें 70 रुपए के पार निकल चुके हैं. वहीं, डीजल की कीमतें भी अपने उच्चतम स्तर पर हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो आने वाले दिनों में भी इससे राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है. पिछले एक महीने की बात करें तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमतें 69.35 रुपए से बढ़कर 71.89 रुपए प्रति लीटर हो गई है. वहीं, इस दौरान चेन्नई में पेट्रोल के दाम सबसे ज्यादा बढ़े हैं. यहां एक महीने में कीमत 2.68 रुपए बढ़कर 74.55 रुपए प्रति लीटर हो गई है.
क्यों बढ़ रहे हैं दाम
आपको बता दें कि इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल महंगा होने और भारतीय रुपए में आई कमजोरी के चलते पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं.
85 रुपए हो सकता है पेट्रोल
मॉर्गन स्टेनली और बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने 2018 के लिए कच्चे तेल के औसत भाव के अनुमान में बढ़ोतरी की है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव पहले ही 3 साल के ऊपरी स्तर पर है. बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने अपने अनुमान में 8 डॉलर की बढ़ोतरी की है. 2018 में ब्रेंट क्रूड का औसत भाव 64 डॉलर और WTI क्रूड का औसत भाव 60 डॉलर रहने का अनुमान लगाया है. ऐसे में एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पेट्रोल के दाम 85 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच सकते हैं.
रुपए में कमजोरी से बढ़ी चिंता
डॉलर के मुकाबले रुपए में अचानक तेज गिरावट आई है, इसकी वजह से तेल कंपनियों की लागत बढ़ने लगी है और उनको इस लागत का बोझ ग्राहकों पर डालने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी करने पर मजबूर होना पड़ेगा. अगर रुपए में कमजोरी और बढ़ती है तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होना लगभग तय हो जाएगा.
ऐसे तय होते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
एनर्जी एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऑयल मार्केटिंग कंपनियां तीन आधार पर पेट्रोल और डीजल के दाम तय करती हैं. पहला इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड (कच्चे तेल का भाव). दूसरा देश में इंपोर्ट (आयात) करते वक्त भारतीय रुपए की डॉलर के मुकाबले कीमत. इसके अलावा तीसरा आधार इंटरनेशनल मार्केट में पेट्रोल-डीजल के क्या भाव हैं.
मोदी के कार्यकाल में डीजल पर उत्पाद शुल्क 380% बढ़ा
1. मोदी सरकार के कार्यकाल में डीजल पर उत्पाद शुल्क 380 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ाया गया है.
2. इस दौरान यह 3.56 रुपए से बढ़कर 17.33 रुपए प्रति लीटर हो गया है.
3. पेट्रोल के उत्पाद शुल्क में 120 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
4. मौजूदा सरकार के सत्ता में आने के समय इस पर उत्पाद शुल्क 9.48 पैसे था जो फिलहाल 21.48 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच चुका है.
5. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस समय ब्रेंट क्रूड की कीमत 67 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर है.
6. अचानक कीमतों में तेज गिरावट से पहले वर्ष 2014 में यह 115 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच चुका था.
किस राज्य में कितने बढ़े पेट्रोल के दाम
1. दिल्ली
20 दिसंबर: 69.35 रुपए प्रति लीटर
20 जनवरी: 71.89 रुपए प्रति लीटर
महंगा: 2.54 रुपए
2. कोलकाता
20 दिसंबर: 72.11 रुपए प्रति लीटर
20 जनवरी: 74.60 रुपए प्रति लीटर
महंगा: 2.49 रुपए
3. मुंबई
20 दिसंबर: 77.25 रुपए प्रति लीटर
20 जनवरी: 79.77 रुपए प्रति लीटर
महंगा: 2.52 रुपए
4. चेन्नई
20 दिसंबर: 71.87 रुपए प्रति लीटर
20 जनवरी: 74.55 रुपए प्रति लीटर
महंगा: 2.68 रुपए