पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और अन्य महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच गई हैं. इंडियन ऑयल कॉर्प के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पेट्रोल 72.43 रुपए प्रति लीटर की दर से बेचा जा रहा है, जो पिछले तीन साल की सर्वाधिक ऊंची कीमत है.
पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और अन्य महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच गई हैं. इंडियन ऑयल कॉर्प के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पेट्रोल 72.43 रुपए प्रति लीटर की दर से बेचा जा रहा है, जो पिछले तीन साल की सर्वाधिक ऊंची कीमत है. पिछली बार साल 2014 के अगस्त में इसकी कीमत 72.51 रुपए प्रति लीटर थी. कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल क्रमश: 75.13 रुपए, 80.30 रुपए और 75.12 रुपएप्रति लीटर की दर से बेचा जा रहा है.
दिल्ली में डीजल 63.38 रुपए प्रति लीटर
इससे पहले कोलकाता में पेट्रोल की कीमतें 2014 के अक्टूबर में सर्वोच्च स्तर पर थीं और 75.46 रुपएप्रति लीटर थी. मुंबई में साल 2014 के अगस्त में 80.60 रुपए प्रति लीटर थी और चेन्नई में साल 2014 के अगस्त में ही सबसे ऊंची दर 75.78 रुपए प्रति लीटर थी. दिल्ली में बुधवार को डीजल की कीमत 63.38 रुपए प्रति लीटर रही. वहीं, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में क्रमश: 66.04 रुपए, 67.50 रुपए और 66.84 रुपए प्रति लीटर रही.
मुद्रास्फीति पर पड़ेगा असर
डीजल का व्यापक उपयोग माल ढुलाई में होता है, जिसमें खाद्य उत्पादों की ढुलाई भी शामिल है. इसकी कीमतें बढ़ने से विभिन्न उत्पादों की कीमतें बढ़ जाती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि डीजल की कीमतें बढ़ने से मुद्रास्फीति बढ़ेगी. आपको बता दें कि इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल महंगा होने और भारतीय रुपए में आई कमजोरी के चलते पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं.
85 रुपए हो सकता है पेट्रोल
मॉर्गन स्टेनली और बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने 2018 के लिए कच्चे तेल के औसत भाव के अनुमान में बढ़ोतरी की है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव पहले ही 3 साल के ऊपरी स्तर पर है. बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने अपने अनुमान में 8 डॉलर की बढ़ोतरी की है. 2018 में ब्रेंट क्रूड का औसत भाव 64 डॉलर और WTI क्रूड का औसत भाव 60 डॉलर रहने का अनुमान लगाया है. ऐसे में एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पेट्रोल के दाम 85 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच सकते हैं.
रुपए में कमजोरी से बढ़ी चिंता
डॉलर के मुकाबले रुपए में अचानक तेज गिरावट आई है, इसकी वजह से तेल कंपनियों की लागत बढ़ने लगी है और उनको इस लागत का बोझ ग्राहकों पर डालने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी करने पर मजबूर होना पड़ेगा. अगर रुपए में कमजोरी और बढ़ती है तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होना लगभग तय हो जाएगा.
ऐसे तय होते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
एनर्जी एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऑयल मार्केटिंग कंपनियां तीन आधार पर पेट्रोल और डीजल के दाम तय करती हैं. पहला इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड (कच्चे तेल का भाव). दूसरा देश में इंपोर्ट (आयात) करते वक्त भारतीय रुपए की डॉलर के मुकाबले कीमत. इसके अलावा तीसरा आधार इंटरनेशनल मार्केट में पेट्रोल-डीजल के क्या भाव हैं.