विनिर्माण क्षेत्र में तेजी के साथ चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही. पहली तिमाही में यह तीन साल के न्यूनतम स्तर 5.7 प्रतिशत पर रही थी.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार (30 नवंबर) को कहा कि चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहने से यह संकेत मिलता है कि पिछली पांच तिमाहियों से अर्थव्यवस्था की वृद्धि में जारी नरमी के रुख में बदलाव आया है. जेटली ने कहा कि दो महत्वपूर्ण सुधारों …नोटबंदी तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन….का प्रभाव अब पीछे छूट गया है और आने वाली तिमाहियों में उच्च आर्थिक वृद्धि दर को लेकर देश अब सकारात्मक नजरिया रख सकता है. केंद्रीय सांख्यिक कार्यालय द्वारा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आंकड़ा जारी करने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही से आर्थिक वृद्धि में गिरावट का जो रुख बना था उसमें अब बदलाव आया है.’’ विनिर्माण क्षेत्र में तेजी के साथ चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही. पहली तिमाही में यह तीन साल के न्यूनतम स्तर 5.7 प्रतिशत पर रही थी.
देश की आर्थिक वृद्धि दर में पिछली पांच तिमाहियों से जारी गिरावट का रुख थम गया. आर्थिक वृद्धि दर तीन साल के न्यूनतम स्तर से बाहर निकलते हुए चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 6.3 प्रतिशत पर पहुंच गई. विनिर्माण क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ने तथा कंपनियों के नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था जीएसटी के साथ सामंजस्य बिठाने से जीडीपी की चाल तेज हुई है. वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही थी जो वृद्धि का तीन साल का सबसे कम आंकड़ा रहा. नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद यह सबसे कम वृद्धि दर थी.
वहीं इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 7.5 प्रतिशत था. इससे पहले वित्त वर्ष 2013-14 की चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत रही थी. अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज द्वारा हाल में करीब 14 साल बाद देश की रेटिंग बढ़ाये जाने के बाद आर्थिक वृद्धि का यह आंकड़ा आया है. वृद्धि दर के इस आंकड़े से मोदी सरकार के तरकश में एक और तीर आ गया है. नोटबंदी तथा जीएसटी से 2,400 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के आरोपों को झेल रही मोदी सरकार के लिये वृद्धि का यह आंकड़ा राहत भरा है.