संसद को अंधेरे में रखकर नोटबंदी लाई गई.नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा. नोटबंदी की वजह से जीडीपी में 2 फीसदी की गिरावट आई. उन्होंने यह भी कहा कि नरेगा और जीएसटी कांग्रेस लाए जिसे मोदी सरकार आगे बढ़ा रही है.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पहली बार कहा है कि अगर पार्टी कहेगी तो वह प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने को तैयार हैं. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि 2012 में कांग्रेस पार्टी के अंदर अहंकार भर गया था और पार्टी ने जनता से संवाद कम कर दिया, जिसके चलते लोगों से दूरी बन गई. छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा- संसद को अंधेरे में रखकर नोटबंदी लाई गई.नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा. नोटबंदी की वजह से जीडीपी में 2 फीसदी की गिरावट आई. उन्होंने यह भी कहा कि नरेगा और जीएसटी कांग्रेस लाए जिसे मोदी सरकार आगे बढ़ा रही है.
हिंसा और नफरत लोगों को भटकाने का काम करती है
हिंसा और नफ़रत लोगों को उनके काम से भटकाने का काम करता है. देश में पत्रकारों को गोली मारी जा रही है. लोगों को दलित होने की वजह से मारा जा रहा है. बीफ़ खाने के संदेह के आधार पर हत्या की जा रही है. ऐसी घटनाएं भारत में नई हैं और देश को काफी नुकसान पहुंचा रही है. नफ़रत की राजनीति भारत को बांटने काम कर रही है. देश के लोगों को अब महसूस हो रहा है कि देश में उनका कोई भविष्य नहीं है. हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है .मुझे गांधी जी विचारधारा में पूरा भरोसा है.हिंसा को मुझसे बेहतर कौन समझेगा, मैंने अपनी दादी और पिता को खोया है.
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के साथ मिलकर नौ साल तक कश्मीर पर काम किया
ANI के मुताबिक- राहुल गांधी ने कहा कि मैंने, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पी चिदंबरम और जयराम रमेश ने मिलकर जम्मू-कश्मीर पर काम किया. 2013 में हमने मनमोहन सिंह को गले लगाकर कहा कि आपकी सबसे बड़ी सफलता कश्मीर में आतंकवाद को कम करना है. हमने कश्मीर पर बड़े-बड़े भाषण नहीं दिए, हमने वहां पर पंचायती राज और छोटे लेवल पर लोगों से बात की. लेकिन आज जम्मू-कश्मीर में हिंसा चरम पर है. साल 2014 में कश्मीर में फिर सुरक्षाकर्मियों की जरूरत पड़ गई. कश्मीर में कई पार्टियां हैं. पीडीपी ने नए लोगों को राजनीति में लाने का काम किया, लेकिन बीजेपी के साथ गठबंधन के बाद ये चीज बंद हुई. अब युवा आतंकियों के पास जा रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंकियों को जगह दे दी और हिंसा बढ़ गई.