नोटबंदी से पहले चेक की मात्रा और मूल्य के हिसाब से इस्तेमाल कम हुआ था, लेकिन नोटबंदी के बाद के महीनों में इसमें सकारात्मक वृद्धि हुई.
भारतीय रिजर्व बैंक के एक अध्ययन में दावा किया गया है कि नोटबंदी के बाद लोगों के भुगतान के तरीके में बदलाव आया है. इसमें कहा गया है कि नोटबंदी के बाद लोग नकद भुगतान के बजाय खुदरा इलेक्ट्रॉनिक भुगतान, मर्चेंट टर्मिनल में कार्ड इस्तेमाल और चेक के जरिये भुगतान की ओर बढ़े हैं. सरकार ने पिछले साल आठ नवंबर को 1,000 रुपये और 500 रुपये का नोट बंद करने की घोषणा की थी. रिजर्व बैंक ने अपने साप्ताहिक परिशिष्ट मिंट स्ट्रीट मेमोज में कहा है कि नोटबंदी से अंतर बैंक भुगतान और निपटान प्रणाली में उल्लेखनीय बदलाव आया.
विशेषरूप से तीन खंडों खुदरा इलेक्ट्रानिक भुगतान, पीओएस टर्मिनल पर कार्ड इस्तेमाल और चेक के जरिये भुगतान बढ़ा है. यह अध्ययन रिजर्व बैंक के सांख्यिकी एवं सूचना प्रबंधन विभाग के शशांक शेखर मैती के निर्देशन में किया गया है. अध्ययन में कहा गया है कि नोटबंदी से पहले चेक की मात्रा और मूल्य के हिसाब से इस्तेमाल कम हुआ था, लेकिन नोटबंदी के बाद के महीनों में इसमें सकारात्मक वृद्धि हुई.
इससे पहले एक अध्ययन में कहा गया कि सरकार द्वारा गैर नकद लेनदेन को प्रोत्साहन देने की वजह से कार्डों के जरिये भुगतान में उल्लेखनीय इजाफा हो रहा है. देश में सितंबर में डेबिट और क्रेडिट कार्डों से लेनदेन या भुगतान 84 प्रतिशत के जोरदार उछाल के साथ 74,090 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो सितंबर, 2016 में 40,130 करोड़ रुपये था. यूरोपीय भुगतान समाधान प्रदाता वर्ल्डलाइन ने भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि सभी पॉइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) पर सितंबर में लेनदेन 86 प्रतिशत बढ़कर 37.8 करोड़ पर पहुंच गया, जो पिछले साल समान महीने में 20.3 करोड़ था.
वर्ल्डलाइन के मुख्य कार्यकारी (दक्षिण एशिया और पश्चिम एशिया) दीपक चंदनानी ने कहा, ‘‘नोटबंदी के बाद लोगों को अपने रोजमर्रा के खर्च का भुगतान डिजिटल तरीके से करना पड़ रहा है. नोटबंदी के बाद अब प्रणाली में नकदी पर्याप्त मात्रा में आ गई है, इसके बावजूद डिजिटल भुगतान में उल्लेखनीय इजाफा देखने को मिल रहा है.’’ सर्वे में कहा गया है कि अगस्त, 2014 में प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के कार्ड के इस्तेमाल को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. सितंबर, 2017 तक कुल कार्डों की संख्या 85.3 करोड़ थी. इसमें 3.33 करोड़ क्रेडिट कार्ड तथा 81.98 करोड़ डेबिट कार्ड हैं.