देश के कई Restaurants ने Service पर GST की दर कम होने बाद, अपने खाने-पीने के सामान का रेट बढ़ा दिया.
आपको याद होगा कि 10 नबंवर को GST Council ने Air Conditioned Restaurants में Service पर लगने वाला GST 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया था. GST Council ने Non-AC Restaurants पर GST 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया.. रेस्टोरेंट पर घटे नये GST रेट 15 नवंबर से लागू हो गए. सरकार के इस फैसले के बाद लोगों ने ये सोचा था कि अब Restaurants में खाने का बिल कुछ सस्ता हो जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. देश के कई Restaurants ने Service पर GST की दर कम होने बाद, अपने खाने-पीने के सामान का रेट बढ़ा दिया… ये Restaurants की वो चालाकी है जो GST कम होने का फ़ायदा आप तक नहीं पहुंचने दे रही है.
हम आपको उदाहरण के साथ ये समझाते हैं कि GST के रेट कम होने के बाद भी आपका बिल कम क्यों नहीं हुआ है. मान लीजिए कि आप किसी AC Restaurant में 1000 रुपये का खाना खाते हैं.. तो आपको 5% GST के हिसाब से 50 रूपये का TAX लगना चाहिए और आपका Total बिल होगा 1050 रुपये. इस बदलाव से पहले आप 1000 रुपये के बिल पर 18 प्रतिशत GST के हिसाब से 1180 रुपये दे रहे थे. यानी इस बिल पर आपको अब 130 रुपये की बचत होनी चाहिए.
लेकिन कई Restaurants ने खाने-पीने के सामान का रेट बढ़ाकर…आपकी 130 रुपये वाली बचत को…अपने Account में transfer कर लिया है. ये देश के ग्राहकों के साथ Restaurants का वो धोखा है जिसका इलाज किया जाना बहुत ज़रूरी है. हालांकि Restaurants की ये दलील है कि GST की दर कम होने से उन्हें Input tax credit का नुकसान हो रहा है.
इस Tax को Restaurants खाने पीने के Raw Materials खरीदते समय चुकाते हैं. इसकी भरपाई के लिए Restaurants ग्राहकों से मिलने वाले 18 प्रतिशत GST में से input tax credit लेते थे. लेकिन अब कई Restaurants का कहना है कि 5 प्रतिशत GST होने उन्हें नुकसान हो रहा है. इसलिए उन्होंने अपने सामान के रेट बढ़ा दिए हैं. ये एक तरह की technical चालाकी है जिसे सरकार को समझना चाहिए.
Restaurants की इस मनमानी को दूर करने के लिए सरकार ने अब National Anti-Profiteering Authority बनाई है. ये संस्था GST के नए रेट सही तरीके लागू करने और बाज़ार में मुनाफाखोरी रोकने का काम करेगी ताकि ग्राहकों को पूरा फ़ायदा मिल सके.
10 नबंवर को GST Council ने 178 वस्तुओं पर GST की दर 28% से घटाकर 18% कर दी थी. लेकिन लोगों की शिकायत है कि इन सस्ती दरों का फ़ायदा उन्हें नहीं मिल रहा है. आज हमने आपके अधिकारों को ध्यान में रखकर इस विषय पर देशव्यापी रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट के ज़रिए आपको पता चलेगा कि technical चालाकी के ज़रिए देश की जनता को धोखा दिया जा रहा है.
अगर आपको लगता है कि कोई Restaurant या दुकानदार आपके साथ बिल में धोखा कर रहा है तो आप इसकी शिकायत National Consumer Helpline के Toll Free No-1800-11-4000 पर कर सकते हैं. इसके अलावा आप अपनी शिकायत Type करके National Consumer के मोबाइल नंबर 81-3000-9809 पर SMS कर भी सकते हैं. सरकार की योजनाओं का लाभ लेना आपका अधिकार है और इस अधिकार के लिए हम हमेशा आपके साथ हैं.