सालाना आधार पर औद्योगिक कर्मचारियों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में 2.89 प्रतिशत रही.
औद्योगिक श्रमिकों की खुदरा मुद्रास्फीति दर सितंबर में घटकर 2.89 प्रतिशत पर आ गई. पिछले साल इसी महीने यह 4.14 प्रतिशत पर थी. खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से औद्योगिक श्रमिकों की मुद्रास्फीति घटी है. हालांकि, एक महीना पहले अगस्त में यह 2.52 प्रतिशत पर थी. श्रम मंत्रालय के बुधवार (1 नवंबर) को जारी बयान में कहा गया है कि सालाना आधार पर औद्योगिक कर्मचारियों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में 2.89 प्रतिशत रही, जो अगस्त में 2.52 प्रतिशत तथा पिछले साल सितंबर में 4.14 प्रतिशत पर थी.
वहीं खाद्य मुद्रास्फीति सितंबर में 1.30 प्रतिशत रही, जबकि अगस्त में यह 1.61 प्रतिशत और सितंबर, 2016 में 4.05 रही थी. मुद्रास्फीति में कमी लाने में सबसे प्रमुख योगदान खाद्य श्रेणी में शून्य के नीचे 1.26 प्रतिशत पर जाने का रहा. मछली, प्याज, करेला, बैंगन, गाजर, लौकी, भिंडी, आलू, टमाटर, तोरई, खीरा, सेब, केले के दाम घटने से खाद्य वर्ग के सूचकांक में कमी रही. वहीं चावल, आटा, अरहर दाल, नारियल तेल और पॉल्ट्री उत्पादों के दाम बढ़ने से खाद्य वर्ग के सूचकांक की गिरावट सीमित रही.
बुनियादी क्षेत्र के आठ प्रमुख उद्योगों की वृद्धि सितंबर में 5.2% रही है जो पिछले छह माह का उच्च स्तर है. इसे कोयला, प्राकृतिक गैस और रिफाइनरी क्षेत्र के शानदार प्रदर्शन से मदद मिली है. बुनियादी क्षेत्र के आठ प्रमुख उद्योग कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उवर्रक, इस्पात, सीमेंट और बिजली हैं. पिछले साल सितंबर माह में इनकी वृद्धि दर 5.3% थी.
अप्रैल के बाद सितंबर में यह इस क्षेत्र में हुई सबसे अधिक वृद्धि है. अप्रैल में बुनियादी क्षेत्र की वृद्धि 2.6% रह गई थी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वार्षिक आधार पर सितंबर में कोयला, प्राकृतिक गैस और रिफाइनरी उत्पादों की वृद्धि क्रमश: 10.6%, 6.3% और 8.1% रही है.