आठ नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काले धन, भ्रष्टाचार, नकली मुद्रा और आंतकी वित्तपोषण पर शिकंज कसने के उद्देश्य से 1000 और 500 रुपये के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी.
केंद्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार (8 नवंबर) को नोटबंदी के लिए भाजपा की नेतृत्व वाली सरकार की पीठ थपथपाई. उन्होंने कहा कि एक साल पहले सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद डिजिटल लेनदेन में 58 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके साथ ही करदाताओं की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हुई है. उन्होंने कहा कि आठ नवंबर 2016 को केंद्र के 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने से काला धन रखने वालों को चोट पहुंची. गडकरी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “यह सरकारी आंकड़े हैं जो दर्शाते हैं कि पिछले साल की तुलना में डिजिटल लेनदेन में 58 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस फैसले का उद्देश्य रोजमर्रा के जीवन में नकदी के उपयोग को कम करना है.
उन्होंने आगे कहा कि साल 2016 में देश में 26 लाख करदाता थे. नोटबंदी के बाद 56 लाख नए करदाताओं के जुड़ने से संख्या में उछाल आया है. इसका अर्थ है कि ये लोग पहले कर की चोरी कर रहे थे. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, “नोटबंदी के फैसले ने कुछ लोगों को चोट पहुंचाई है और हम जानते हैं कि उन्हें क्यों चोट पहुंची है. चूंकि उनके पास काला धन था, जो कि नोटबंदी के फैसले के बाद अनुपयोगी हो गया.”
गडकरी ने कहा, “देश में पैसों का हेरफेर करने वालों का तंत्र इतना मजबूत था कि नोटबंदी के दिनों में खुफिया एजेंसियों को एक ही कंपनी से जुड़े 2,134 खाते मिले. हमने ऐसी कंपनियों का भी पता लगाया है, जिनके विभिन्न बैंकों में 100 से ज्यादा खाते हैं. अभी इनकी जांच चल रही है और काले धन के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है.”
आठ नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काले धन, भ्रष्टाचार, नकली मुद्रा और आंतकी वित्तपोषण पर शिकंज कसने के उद्देश्य से 1000 और 500 रुपये के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी. विपक्ष ने बुधवार (8 नवंबर) को एक साल पूरा होने पर इस दिन को “काला दिवस” करार दिया.
वहीं दूसरी ओर नोटबंदी का एक साल पूरे होने के मौके पर बुधवार (8 नवंबर) को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि नोटबंदी और उसके बाद माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन से सूरत के कपड़ा और हीरा कारोबार की टांग टूट गई. नोटबंदी का एक साल पूरा होने के मौके पर विपक्ष आज (बुधवार, 8 नवंबर) देशभर में ‘काला दिन’ मना रहा है. गांधी ने बुधवार (8 नवंबर) को यहां कातरगाम औद्योगिक विकास क्षेत्र में निर्माण इंडस्ट्रीज के करघा कारखाने में उद्योग के प्रतिनिधियों और श्रमिकों के साथ बातचीत में कहा कि एक साल पहले देश की अर्थव्यवस्था पर हमला किया गया था.
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैंने यहां लोगों से बात की है. उन्होंने बताया कि नोटबंदी और उसके बाद जीएसटी ने सूरत उद्योग की टांग तोड़ दी. इन दो झटकों से सिर्फ यहीं नहीं, बल्कि पूरे देश में उद्योग समाप्त हो गया है.’’ गांधी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोगों ने कहा कि उन्हें डराया जा रहा है. लेकिन सच को दबाया नहीं जा सकता. यह सामने आएगा.’’ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा एक जुलाई से पेश की गई नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था पर निशाना साधते हुए गांधी ने कहा, ‘‘हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी और वित्त मंत्री अरुण जेटलीजी से कहा था कि जीएसटी को इस तरीके से लागू नहीं किया जाए.’’