भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने रोज वैली को छुट्टी योजना (हॉलीडे पैकेज) सदस्यता के लिए जमा कराया गया हजारों करोड़ रुपए निवेशकों को लौटोने का निर्देश दिया है.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने रोज वैली को छुट्टी योजना (हॉलीडे पैकेज) सदस्यता के लिए जमा कराया गया हजारों करोड़ रुपए निवेशकों को लौटोने का निर्देश दिया है. नियामक ने इस योजना को गैरकानूनी घोषित किया है. इसके अलावा रोज वैली होटल्स एंड एंटरटेनमेंट लिमिटेड और उसके निदेशकों पर प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने पर चार साल की रोक भी लगाई गई है. इसके अलावा समूह के निदेशक अब किसी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशक या कोई अन्य महत्वपूर्ण प्रबंधन पद नहीं ले सकेंगे.
आंकड़ों से पता चलता कि 21.9 लाख से अधिक निवेशकों ने होलिडे पैकेज सदस्यता में निवेश किया था. कंपनी के 2012-13 के बही खाते के अनुसार मौजूदा देनदारियों में 5,000 करोड़ रुपए वापस की जाने वाली देनदारी के रूप में दिए गए गए हैं. यह राशि सदस्यता योजना के तहत लौटाई जानी है. हालांकि, इसमें मौजूदा देनदारी का उल्लेख नहीं किया गया है.
नियामक के अनुसार कंपनी द्वारा रिटर्न के वादे के साथ जिन योजनाओं की पेशकश की गई है वे सामूहिक निवेश योजना (CIS) के तहत आती हैं. सेबी ने अपनी जांच में पाया कि यह सीआईएस गैरकानूनी है. इसके बाद नियामक ने रोजवैली और उसके निदेशक गौतम कुंडू, अशोक कुमार साहा, शिवमय दत्ता और अबीर कुंडू को होलिडे पैकेज सदस्यता बंद करने और निवेशकों से जुटाया गया धन रिटर्न के साथ तीन महीने में लौटाने का निर्देश दिया है.
रिफंड के दो सप्ताह के भीतर कंपनी और उसके निदेशकों को सेबी के पास इस बारे में प्रमाण के साथ भुगतान रिपोर्ट सौंपनी होगी. यदि कंपनी इन निर्देशों का अनुपालन करने में विफल रहती है तो नियामक उसके खिलाफ वसूली की प्रक्रिया शुरू करेगा.