सुशील मोदी ने जीएसटी को देशी की आजादी के बाद का अब तक का सबसे बड़ा बदलाव बताया.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार (2 नवंबर) को सुझाव दिया कि उत्पाद के मूल्य के ऊपर कर यानी जीएसटी लगाए जाने के बजाए ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि उत्पाद के अधिकतम बिक्री मूल्य (एमआरपी) में ही जीएसटी भी शामिल हो और उसी का भुगतान करना पडे़. बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा गुरुवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि “हमने सुझाव दिया है कि उपभोक्ताओं के लिए उत्पादों का मूल्य जीएसटी सहित सभी कर शामिल करते हुये तय होना चाहिए. यह दुनिया भर में देखा गया है कि उपभोक्ताओं को उत्पाद के मूल्य के ऊपर जब अतिरिक्त का भुगतान करना पड़ता है तो वे प्रतिक्रिया जताते हैं पर जब उन्हें वह एमआरपी जिसमें कर (जीएसटी) भी शामिल है, का भुगतान करना होता है तो उनकी अवधारणा पूरी तरह से अलग पायी जाती है .
उन्होंने जीएसटी को देशी की आजादी के बाद का अब तक का सबसे बड़ा बदलाव बताते हुए कहा कि शुरुआती पांच- छह महीने में लोगों को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा पर अगले कुछ महीने में यह सरल और सहज हो जाएगा. सुशील मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में कम्पोजिट स्कीम में शामिल व्यापारियों के कारोबार की सीमा डेढ़ करोड़ तक की जा सकती है. उन्होंने कहा कि सैद्धांतिक रूप से इस पर सहमति बनी है.
इससे पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने जीएसटी नेटवर्क में आ रही दिक्कतों को जानने के लिए आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुये बीते बुधवार (1 नवंबर) को कहा था कि रिटर्न दाखिल करने के फॉर्म को और सरल किया जायेगा. जीएसटी नेटवर्क में आ रही दिक्कतों को जानने के लिए पुराना सचिवालय के मुख्य सभा कक्ष में राज्य के सभी जिलों के 2-2 व्यापारिक व उद्यमी संगठनों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों की 3 घंटे तक चली बैठक को सम्बोधित करते हुए सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में कम्पोजिट स्कीम में शामिल व्यापारियों के टर्न ओवर की सीमा डेढ़ करोड़ तक की जा सकती है.