उत्तर प्रदेश ने नाबार्ड से मांगी 10 हजार करोड़ रुपये की ऋण मदद

उत्तर प्रदेश ने नाबार्ड से मांगी 10 हजार करोड़ रुपये की ऋण मदद

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योगी ने कहा कि नाबार्ड की मदद वाली परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए ताकि उनकी लागत न बढ़े.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार (17 नवंबर) को प्रदेश में विकास की अपार सम्भावनाओं को साकार करने के लिये राष्ट्रीय कृषि एवं भूमि विकास बैंक (नाबार्ड) से 10 हजार करोड़ रुपये की मांग की. मुख्यमंत्री ने अपने कार्यालय में नाबार्ड के अध्यक्ष डॉक्टर हर्ष कुमार भानवाला के साथ बैठक में कहा कि प्रदेश में विकास की अपार सम्भावनाएं हैं. इन सम्भावनाओं को साकार करने के लिए धन की आवश्यकता है. उन्होंने प्रदेश में बुनियादी ढ़ांचे के विकास और सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण करने की आवश्यकता पर बल देते हुए नाबार्ड से 10 हजार करोड़ रुपए की सहायता की और पूरे कर्ज को वापस करने का भरोसा भी दिलाया.

योगी ने कहा कि नाबार्ड की मदद वाली परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए ताकि उनकी लागत न बढ़े. ऐसी परियोजनाओं के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने में तेजी लाने के निर्देश देते हुए उन्होंने वहां उपस्थित अपनी सरकार के अधिकारियों से कहा कि परियोजना की स्वीकृति से सम्बन्धित कार्यवाही में किसी भी प्रकार की शिथिलता ना बरती जाए.

नाबार्ड और प्रदेश सरकार के बीच में बेहतर संवाद की आवश्यकता बताते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नाबार्ड अध्यक्ष का यहां आना प्रदेश के विकास के लिए सकारात्मक है. बैठक में सिंचाई, लघु सिंचाई, कृषि, पशुपालन, सहकारिता, ग्राम्य विकास आदि विभागों की नाबार्ड सहायतित नवीन और लम्बित परियोजनाओं पर गहन चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नाबार्ड के साथ बेहतर तालमेल के साथ काम करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर विभागीय मंत्री द्वारा नाबार्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की जाए.

नाबार्ड अध्यक्ष भानवाला ने कहा कि उचित प्रक्रिया के पालन के साथ प्राप्त होने वाली परियोजनाएं नाबार्ड के स्तर पर एक सप्ताह से अधिक समय तक लम्बित नहीं रहेंगी. प्रदेश में सहकारिता की संरचना एवं भूमि विकास बैंक के सम्बन्ध में नाबार्ड अध्यक्ष के सुझावों पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को भूमि विकास बैंक के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके रिकवरी बढ़ाने के निर्देश दिए. योगी ने कहा कि सहकारी संस्थाओं में किसानों की पूंजी लगी होती है. इन संस्थाओं में धोखाधड़ी एवं गबन आदि की घटनाओं को रोके जाने की आवश्यकता है. उन्होंने सहकारी संस्थाओं में हुए घोटालों एवं गबन के मामलों की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए.

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