खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी से थोक मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर 2.6 फीसदी पर आ गई.
खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी से थोक मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर 2.6 फीसदी पर आ गई. थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त, 2017 में चार महीने के उच्चस्तर 3.24 फीसदी पर पहुंच गई थी. सितंबर, 2016 में यह 1.36 फीसदी पर थी. सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर में सब्जियों की मुद्रास्फीति नरम पड़कर 15.48 फीसदी पर आ गई, जबकि इससे पिछले महीने यह 44.91 प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी. हालांकि, प्याज के दाम ऊंचे स्तर पर बने हुए हैं. सितंबर में प्याज की महंगाई दर 79.78 फीसदी के स्तर पर थी. इसी तरह अंडा, मीटर और मछलियों की मुद्रास्फीति 5.47 फीसदी रही.
इसी तरह विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति अगस्त के 2.45% से बढ़कर सितंबर में 2.72% हो गई. ईंधन और बिजली खंड की मुद्रास्फीति नरम पड़कर 9.01% पर आ गई, जो अगस्त में 9.99% थी. ईंधन कीमतें लगातार ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं. वैश्विक स्तर पर कीमतों की वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम ऊंचे स्तर पर हैं. कमजोर घरेलू उत्पादन की वजह से बिजली के दाम बढ़े हैं. वहीं दलहन के दाम सितंबर में 24.26% नीचे आए. आलू की कीमतों में 46.52% तथा गेहूं की कीमत में 1.71% की गिरावट आई. जुलाई की थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति का शुरुआती अनुमान 1.88% था और यह इसी स्तर पर कायम है.
बीते सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति 3.28% रही. अगस्त में भी यह इसी स्तर पर थी. इसके अलावा अगस्त महीने में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर नौ महीने के उच्चस्तर 4.3% पर पहुंच गई.