विश्व बैंक की रपट जारी होने के तुरंत बाद मीडिया को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि भारत एकमात्र प्रमुख देश है जिसका जिक्र संस्थागत सुधारों का बीड़ा उठाने के लिए किया गया है.
भारत में कारोबार करना पहले और ज्यादा आसान हो गया है. विश्वबैंक द्वारा जारी रिपोर्ट में यह बात कही गई है. वहीं दूसरी ओर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सुधारों को जारी रखने का संकल्प लिया ताकि देश को इस रैंकिंग में 50 शीर्ष देशों में आने में मदद मिले. विश्व बैंक की रपट जारी होने के तुरंत बाद मीडिया को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि भारत एकमात्र प्रमुख देश है जिसका जिक्र संस्थागत सुधारों का बीड़ा उठाने के लिए किया गया है.
दस खास बातें
1. भारत ने विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट रैंकिंग में लंबी छलांग लगायी है. देश की रैंकिंग 30 पायदान सुधरकर 100वें स्थान पर पहुंच गयी. इस संदर्भ में उसका अंक 4.71 बढ़कर 60.76 अंक पहुंच गया. नरेंद्र मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के समय भारत की रैंकिंग 142 थी. पिछले साल यह 130 थी.
2. विश्व बैंक की हालिया ‘डूइंग बिजनेस 2018: रिफॉर्मिंग टू क्रियेट जॉब्स’ रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल के दौरान भारत ने सुधारों के 10 में से आठ क्षेत्रों में उल्लेखनीय बेहतर प्रदर्शन किया है.
3. देश में जिन मानदंडों में 2016-17 में सुधार हुआ है, उसमें कारोबार शुरू करने में तेजी, प्रक्रियाओं में लगने वाले समय में कमी, कर्ज की आसान पहुंच, अल्पांश निवेशकों का संरक्षण, कर भुगतान, सीमा पार व्यापार को आसान बनाने तथा ऋण शोधन को सुगमत बनाना शामिल है.
4. इसके बावजूद भारत कारोबार शुरू करने, अनुबंध के लागू करने तथा निर्माण परमिट के मामले में अब भी पीछे है. नई कंपनी को पंजीकरण कराने में अब भी 30 दिन का समय लगता है जो 15 साल पहले 127 दिन था लेकिन स्थानीय उद्यमियों के लिये प्रक्रियाओं की संख्या जटिल बनी हुई है. उन्हें अब भी 12 प्रक्रियाओं से गुजरने की आवश्यकता होती है.
5. विश्वबैंक के अनुसार दुनिया में न्यूजीलैंड कारोबार के लिहाज से सबसे बेहतर जगह है. उसके बाद क्रमश: सिंगापुर, डेनमार्क, दक्षिण कोरिया और हांगकांग का स्थान है. अमेरिका तथा ब्रिटेन सूची में क्रमश: छठे और सातवें स्थान पर है.
6. ब्रिक्स देशों में रूस सूची में अव्वल है और वह 35वें स्थान पर है. उसके बाद क्रमश: चीन का स्थान है जो लगातार दूसरे साल 78वें स्थान पर है.
7. छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा, ऋण उपलब्धता और विद्युत उपलब्धता के संदर्भ में भारत चौथे स्थान पर पहुंच गया है. यह पहला मौका है जब भारत ने कारोबार सुगमता के किसी भी पैमाने पर शीर्ष पांच देशों में जगह सुरक्षित की है.
8. देश के कंपनी कानून और प्रतिभूति नियमन को काफी उन्नत माना गया है.
9. यह रिपोर्ट दो जून 2016 से एक जून 2017 के दौरान दिल्ली एवं मुंबई में क्रियान्वयन में लाये गये सुधारों पर आधारित है.
10. जेटली ने इस मौके पर कहा कि रैंकिंग में यह ‘सबसे बड़ी उछाल’ सभी 10 प्रमुख मानकों में बीते 3, 4 साल में हुए महत्वपूर्ण सुधारों के कारण ही संभव हो सकी है. इन सुधारों के चलते भारत में कारोबार करना आसान हुआ है.