एक साल पहले अक्टूबर में थोक मुद्रास्फीति 1.27 प्रतिशत रही थी. अक्टूबर 2017 की मुद्रास्फीति इस साल अप्रैल के बाद सबसे ऊंची है.
प्याज, दूसरी सब्जियों सहित खाने-पीने के सामान के दाम बढ़ने से अक्टूबर महीने में थोक महंगाई 3.59 प्रतिशत पर पहुंच गई. यह इसका पिछले छह महीने का उच्च स्तर है. थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति इससे पिछले महीने सितंबर में 2.60 प्रतिशत पर थी. एक साल पहले अक्टूबर में थोक मुद्रास्फीति 1.27 प्रतिशत रही थी. अक्टूबर 2017 की मुद्रास्फीति इस साल अप्रैल के बाद सबसे ऊंची है. अप्रैल में यह 3.85 प्रतिशत दर्ज की गई थी. इससे पहले कल जारी आंकड़ों में अक्टूबर रिटेल महंगाई भी सात महीने के उच्चतम 3.58 प्रतिशत पर रही.
दोगुने से ज्यादा महंगी हुईं सब्जियां
थोक मूल्य सूचकांक के आज जारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में दोगुने से भी अधिक होकर 4.30 प्रतिशत पर पहुंच गई. सब्जियों के मामले में मुद्रास्फीति सितंबर के 15.48 प्रतिशत से बढ़कर अक्टूबर में 36.61 प्रतिशत तक चढ़ गई.
127.04 प्रतिशत के बढ़े प्याज के दाम
प्याज की बात करें तो अक्टूबर में प्याज के दाम में एक साल पहले के मुकाबले 127.04 प्रतिशत बढ़ गए हैं. अंडा, मीट और मछली के दाम 5.76 प्रतिशत ऊंचे रहे. हालांकि, विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादों में मुद्रास्फीति मामूली घटकर 2.62 प्रतिशत रह गई जो कि सितंबर में 2.72 प्रतिशत थी.
पेट्रोल और बिजली के दाम भी बढ़े
ईंधन और बिजली वर्ग में अक्टूबर में मुद्रास्फीति बढ़कर 10.52 प्रतिशत हो गई. ईंधन मुद्रास्फीति पिछले तीन महीने से लगातार ऊंची बनी हुई है. विश्व बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बाद पेट्रोल, डीजल के दाम लगातार ऊंचे बने हुए हैं. घरेलू उत्पादन घटने से बिजली शुल्क भी उच्च स्तर पर बने हुए हैं. इसके विपरीत दाल-दलहन के दाम में गिरावट का दौर जारी है. दलहन में 31.05 प्रतिशत की गिरावट रही. आलू के दाम 44.29 प्रतिशत घट गये जबकि गेहूं 1.99 प्रतिशत नीचे रहा.